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दशहरा – पूजा विधि और समृद्धि के लिए पूजाएं

दशहरा - पूजा विधि, उत्सव और समृद्धि के लिए पूजाएं
दशहरा – पूजा विधि, उत्सव और समृद्धि के लिए पूजाएं

 

अनुक्रमणिका

 

 


 

 

दशहरा पूजा का धार्मिक महत्व

 

 

हिंदू धर्म में दशहरा बहुत गहरा महत्व रखता है। यह  त्यौंहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। जब भगवान राम ने रावण का वध किया था उसी दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है तथा यह दिन इस बात की शिक्षा देता है कि जब भी बुराई अपनी चरम सीमा पर पहुंचती है तो धर्म और न्याय की स्थापना के लिए भगवान या शक्ति का अवतार होता है। 

 

दशहरा के दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है। भारतीय परंपरा में शस्त्र पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत है। यह हथियारों की पूजा है, जो दशहरा के दिन विशेष रूप से की जाती है, और इसे वीरता, शक्ति और धर्म की रक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शस्त्रों को केवल रक्षा और धर्म की रक्षा के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।

 

शस्त्र पूजा का पौराणिक महत्व देखा जाए तो कहा जाता है कि महिषासुर से प्रताड़ित होकर सभी देवताओं ने अपनी शक्तियों को एक जगह मिलाकर देवी दुर्गा की रचना की थी। सभी देवताओं ने उन्हें अलग-अलग तरह के हथियार दिए थे जिसके कारण मां दुर्गा महिषासुर का नाश करने में सफल हुई थी तथा यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

 

 

समृद्धि के लिए दशहरा पर विशेष पूजाएं

 

 

कहा जाता है कि दशहरा का दिन घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ उपायों का पालन करके घर में सुख समृद्धि लाई जा सकती है। 

 

अपने घर में दशहरे के दिन धन के स्थान पर श्रीफल या जयंती रखना शुभ बताया जाता है। कहते हैं कि इससे घर में समृद्धि बनी रहती है तथा धन की कमी नहीं होती। 

 

दशहरे के दिन रावण का दहन किया जाता है। यदि आप रावण दहन की राख को घर के कोनों में छिड़कें तो उससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। 

 

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी सूक्त का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि दशहरे के दिन लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से घर में धन और संपत्ति की वृद्धि होती है। 

 

घर में सकारात्मक उर्जा बनाए रखने के लिए दशहरे के दिन पूजा के समय घर के द्वार पर चौमुखी दीपक जलाएं। यह घर के सभी सदस्यों के लिए नए अवसरों को आमंत्रण देता है। 

 

घर से वास्तु दोष दूर करने के लिए आप दशहरे के दिन झाड़ू का दान भी कर सकते हैं। इससे घर में बरकत बनी रहेगी तथा नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।

 

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निष्कर्ष

 

 

दशहरा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व हमें यह सिखाता है कि जीवन में जब भी बुराई प्रबल हो जाती है, तब अच्छाई और धर्म की विजय अवश्य होती है। यह पर्व न केवल भगवान राम की विजयगाथा को स्मरण करता है, बल्कि शस्त्र पूजा के माध्यम से हमें यह भी याद दिलाता है कि शक्ति और वीरता का प्रयोग केवल धर्म और रक्षा के लिए होना चाहिए। इसके साथ ही, दशहरा सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का भी प्रतीक है। इस दिन किए गए उपाय और पूजन से घर में शांति, समृद्धि और उन्नति का संचार होता है।

 

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FAQs

दशहरा पूजा कैसे करें?

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घर पर साफ सफाई करके भगवान राम, देवी दुर्गा और शस्त्रों की पूजा करें।

शस्त्र पूजा का महत्व क्या है?

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शस्त्र पूजा हमें यह सिखाती है कि हमें शस्त्रों का इस्तेमाल केवल धर्म की विजय के लिए करना चाहिए।

दशहरा पर कौन सी पूजा से समृद्धि प्राप्त होती है?

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दशहरे पर बताए गए उपाय करने से समृद्धि प्राप्त होती है।

घर पर दशहरा पूजा करने का सही तरीका क्या है?

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पूजा के स्थान को साफ करके भगवान राम, देवी दुर्गा और शस्त्रों को स्थापित कर लें तथा दीपक जलाकर भगवान को फूल, धूप आदि सामग्री अर्पित करें। रामायण या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।