अनुक्रमणिका
- नवरात्रि में स्वास्थ्य मंत्र और उनके लाभ
- नवरात्रि के दौरान रोगों से निवारण के लिए उपाय
- नवरात्रि में स्वस्थ जीवन के लिए समग्र उपाय
- निष्कर्ष
नवरात्रि में स्वास्थ्य मंत्र और उनके लाभ
नवरात्रि में अच्छी सेहत पाने के लिए मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है तथा कुछ मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। उन मंत्रों का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा हम पर बनी रहती है और असाध्य रोग का निवारण भी मुमकिन हो पाता है।
जैसे कि :- “ॐ कालि कालि महाकाली नमोस्तु।
ते हत हत हन हन दह दह शूलम् त्रिशूलेट हुं फट स्वाहा।”
और पेट संबंधित किसी रोग के निवारण के लिए इस मंत्र का जाप रोज एक माला के साथ करें:-
“ॐ हंसः हंसः।”
नवरात्रि के दौरान रोगों से निवारण के लिए उपाय
नवरात्रि के दौरान रोगों के निवारण करने के लिए आध्यात्मिक और प्राकृतिक उपाय किए जाते हैं। उपवास रखना शरीर का शुद्धिकरण होता है। यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। हर दिन मां दुर्गा की पूजा करना और मंत्रों का जाप करना हमारे मन को मानसिक शांति प्रदान करता है। तुलसी, नीम और कपूर जैसे प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करने से घर में वायु शुद्ध होती है और बीमारियों से बचाव बढ़ता है। इसके अलावा हल्दी, अदरक और तुलसी का सेवन करने से शरीर रोग मुक्त बना रहता है।
नवरात्रि के समय शरीर को डिटॉक्स करने के लिए त्रिफला, नीम, तुलसी जैसी चीजों का सेवन किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इनके पत्तों का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेदिक काढ़ा जिसमें लौंग, काली मिर्च शामिल हो हमें बीमारियों के संक्रमण से बचाता है। इसके साथ ही नारियल पानी या एलोवेरा जूस का सेवन करने से हमारा शरीर ठंडा रहता है। स्वास्थ्य सुधार के लिए नवरात्रि में दैनिक पूजा भी बहुत लाभदायक होती है। सुबह शाम पूजा करना, घर में धूप और दीपक जलाना नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है। मां दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण और सप्तशती का पाठ स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
नवरात्रि में स्वस्थ जीवन के लिए समग्र उपाय
वर्तमान में उपवास और आत्म-अनुशासन पर जोर दिया जाता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। ध्यान करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। योगासन, विशेष रूप से प्राणायाम शरीर को सशक्त और लचीला बनाते हैं। यह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। नियमित रूप से योग और ध्यान अभ्यास करने से आपका ऊर्जा स्तर बढ़ता है, आपका मन संतुलित होता है, और आप जीवन में एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाते हैं।
नवरात्रों में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्ति के लिए भी कुछ उपाय अपनाए जाते हैं। नियमित रूप से मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करना, उनके पूजा स्थल पर घी का दीपक जलाना, नीम और तुलसी का सेवन करना, उपवास रखना, योग और ध्यान नियमित रूप से करना है। यह सभी उपाय करने से सकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन में प्रवेश लेती है।
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निष्कर्ष
नवरात्रि का पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का समय होता है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने का भी अवसर प्रदान करता है। मां दुर्गा की विशेष पूजा और मंत्रों के उच्चारण से शारीरिक रोगों का निवारण और मानसिक शांति प्राप्त होती है। नवरात्रि में उपवास और आयुर्वेदिक उपाय शरीर को शुद्ध करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। ध्यान, योग और प्राणायाम के अभ्यास से मानसिक और शारीरिक संतुलन बना रहता है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। समग्र रूप से नवरात्रि के दौरान ये उपाय और पूजा-अर्चना शरीर, मन और आत्मा के स्वास्थ्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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